Wednesday, July 14, 2010

WITH LOVE FROM HON. P.M. TO SHRI HON. C.M.. LOVE IS WHERE THE TRUST IS..

Vagish Issar 09810068474
नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में मुसलमानों पर इतने अत्याचार किये कि मनमोहन सिंह ने खुश होकर उन्हें ईनाम दे दिया… … Narendra Modi, Muslims in Gujarat, Planning Commission
मुझे पता है कि शीर्षक पढ़कर आप चौंकेंगे, लेकिन यह सच है। गुजरात से बाहर रहने वाले मुस्लिम सोचते होंगे, कि पता नहीं गुजरात में नरेन्द्र मोदी नाम का आदमी उनकी कौम पर कितने ज़ुल्म ढाता होगा और तीस्ता “जावेद” सीतलवाड जैसी समाजसुधारिका(?) तथा राजदीप और “बुरका” दत्त जैसे स्वनामधन्य(?) पत्रकार दिन-रात जिस खलनायक(?) को गरियाते हुए नहीं थकते, पता नहीं संघ-भाजपा यह व्यक्ति गुजरात में मुस्लिमों पर कितने अत्याचार करता होगा।

लेकिन अब समूचे भारत के नकली सेकुलरों और फ़र्जी लाल झण्डे वालों को यह सुनकर बड़ा दुख होगा कि योजना आयोग ने गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यों से खुश होकर गुजरात के योजना व्यय को बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये कर दिया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 6,500 करोड़ रुपये ज्यादा है… अर्थात गुजरात की 50वीं वर्षगाँठ पर उसे लगभग 25% का अतिरिक्त पैकेज दिया गया है। ऐसा नहीं कि यह सब इतनी आसानी से मिल गया, इसके लिये नरेन्द्र मोदी ने गुहार लगाई और प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा, वरना योजना आयोग की सदस्या मैडम सईदा हमीद ने "गुजरात में मुस्लिमों से भेदभाव" का बहाना बनाकर इसमें अड़ंगे लगाने की भरपूर कोशिशें कर ली थीं, यह मैडम पूर्व में जब राष्ट्रीय महिला आयोग में थीं तब भी इन्होंने गुजरात की योजनाओं में काफ़ी टंगड़ी मारी थी।

http://www.narendramodi.in/news/news_detail/733

गत दिनों योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और नरेन्द्र मोदी की बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए अहलूवालिया ने कहा कि “गुजरात योजना व्यय में हुई इस बढ़ोतरी का हकदार भी है और वह इस विशाल व्यय को झेलने की क्षमता भी रखता है…”। मोंटेक ने आगे बताया कि गुजरात का राजस्व गत वर्ष के 74% से बढ़कर 81% हो गया है तथा VAT कलेक्शन में 42% की जबरदस्त उछाल आई है। हाल ही में राज्य विधानसभा ने “स्वर्णिम गुजरात” योजना के तहत उत्तरी गुजरात में 500 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाला एक सौर ऊर्जा प्लाण्ट लगाने, 82 तहसीलों में अंडरग्राउण्ड सीवेज लाइन बिछाने की बड़ी योजना पर काम शुरु करने को हरी झण्डी दे दी है।

(जब देश में चारों तरफ़ एक से बढ़कर एक निकम्मे मुख्यमंत्री और लुटेरे IAS अफ़सरों की गैंग, भारत के विकास में अड़ंगे लगाती दिखाई देती है ऐसे में पिछले 10 साल से गुजरात की भलाई हेतु अनथक काम करता नरेन्द्र मोदी नामक यह राष्ट्रवाद का योद्धा सहज ही ध्यान आकर्षित कर लेता है…)


इसी के साथ केन्द्र सरकार ने सरदार सरोवर से सम्बन्धित 39240 करोड़ रुपये के संशोधित योजना व्यय को भी मंजूरी दे दी। अब कांग्रेस का अदभुत विकास और गरीबों का साथ देखिये - कच्छ और सौराष्ट्र के ढाई करोड़ लोगों के पेयजल के लिये इस योजना को 1986-87 में बनाया गया था, तब अनुमान था कि इसकी लागत 6406 करोड़ रुपये होगी, लेकिन राजनीति, श्रेय लेने की होड़ (योजना का नाम किसी गाँधी के नाम पर करने) तथा लालफ़ीताशाही ने 23 साल में भी इसे पूरा होने नहीं दिया और अब इसकी लागत बढ़कर 39240 करोड़ रुपये हो गई है। (अंग्रेजी में "PRO" का विपरीत शब्द होता है "CON", इसलिये कोई आश्चर्य नहीं कि "PROGRESS" का उलटा होता है "CONGRESS"...…)

http://www.livemint.com/2010/05/27231219/Gujarat-to-get-more-funds-afte.html?d=1

चलिये आईये अब देखते हैं कि आखिर गुजरात में मोदी ने मुसलमानों पर कौन-कौन से अत्याचार किये हैं, जिसका ईनाम उन्हें मिला है –

पेश किये जा रहे आँकड़े और तथ्य मनगढ़न्त नहीं हैं, बल्कि केन्द्र सरकार द्वारा गठित सच्चर कमीशन की रिपोर्ट में से लिये गये हैं। जी हाँ, “गुजरात में मुस्लिमों पर इतने ज़ुल्म ढाये गये हैं कि गुजरात के मुसलमान देश के बाकी सभी हिस्सों के मुसलमानों के मुकाबले शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के मामले में आगे निकल गये हैं…”।

1) गुजरात में मुस्लिमों का साक्षरता प्रतिशत 73%, जबकि बाकी देश में 59%।

2) ग्रामीण गुजरात में मुस्लिम लड़कियों की साक्षरता दर 57%, बाकी देश में 43%।

3) गुजरात में प्राथमिक शाला पास किये हुए मुस्लिम 74%, जबकि देश में 60%।

4) गुजरात में हायर सेकण्डरी पास किये मुस्लिमों का प्रतिशत 45%, देश में 40%।


शिक्षा सम्बन्धी सारे के सारे आँकड़े मुस्लिम हितों की कथित पैरवी करने वाले, मुस्लिम हितैषी(?) पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और बिहार से कोसों आगे हैं।

1) गुजरात के जिन गाँवों में मुस्लिम आबादी 2000 से अधिक है वहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की उपलब्धता है 89%, जबकि बाकी देश में 70%।

2) जिन गाँवों में मुस्लिम आबादी 1000 से 2000 के बीच है वहाँ स्वास्थ्य केन्द्र का प्रतिशत 66% है, जबकि देश का औसत है 43%।

3) जिन गाँवों में मुस्लिम आबादी 1000 से कम है वहाँ 53%, राष्ट्रीय औसत है

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